डॉक्टर सना रामचंद नामक हिन्दू लड़की ने हाल ही में CSS 2020 की परीक्षा पास की है। सना पहली हिन्दू महिला हैं, जो असिस्टेंट कमिश्नर बनी हैं। सना का कहना है कि वह सफलता से काफी खुश हैं। हालांकि, वह आश्चर्यचकित नहीं हैं।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हिन्दुओं की क्या हालत है इससे तो हम सब वाकिफ हैं। हिंदुओं पर कितना बर्बर अत्याचार होता है, ये किसी से छिपा नहीं है। इसे लेकर दुनियाभर में चर्चाएं होती रहती हैं। कई बार तो ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं। लेकिन, पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय की एक लड़की ने ऐसा काम किया है, जिसकी चर्चाएं चारों ओर हो रही है और लोग उसकी तारीफ करते हुए नहीं थक रहे। तो आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला?
सना रामचंद बनीं असिस्टेंट कमिश्नर
पाकिस्तान में पहली बार एक हिंदू लड़की असिस्टेंट कमिश्नर बनी हैं। हिंदू लड़की ने देश की प्रतिष्ठित सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज (CSS) परीक्षा पास की है और विशिष्ट पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) के लिए चयनित हुई है। पाकिस्तान के सर्वाधिक हिंदू आबादी वाले सिंध प्रांत के शिकारपुर जिला के ग्रामीण इलाके की रहने वालीं सना रामचंद एमबीबीएस डाक्टर हैं। वह सीएसएस की परीक्षा पास करने वाले 221 अभ्यर्थियों में शामिल हैं। 18,553 परीक्षार्थियों ने यह लिखित परीक्षा दी थी। विस्तृत चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और मौखिक परीक्षा के बाद अंतिम चयन किया गया। मेधासूची निर्धारित होने के बाद अंतिम चरण में समूह आबंटित किए गए। परिणाम घोषित होने के बाद रामचंद ने ट्वीट किया कि वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है अल्लाह के फजल से मैंने सीएसएस 2020 की परीक्षा पास कर ली है और पीएएस के लिए मेरा चयन हो गया है। इसका पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है।
हालिया सीएसएस परीक्षा में पास प्रतिशत दो से भी कम है जो कड़ी प्रतिस्पर्धा और के साथ ही इन परीक्षा का संचालन करने वाले संघीय लोक सेवा आयोग द्वारा लागू किए गए कड़े मानकों को भी दर्शाता है। पीएएस शीर्ष श्रेणी है, जिसके बाद अकसर पाकिस्तान पुलिस सेवा और पाकिस्तान विदेश सेवा तथा अन्य आते हैं। पीएएस श्रेणी हासिल करने वालों को सहायक आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया जाता है और बाद में प्रदोन्नत होकर वे जिला आयुक्त बनते हैं, जो जिलों का नियंत्रण करने वाला शक्तिशाली प्रशासक होता है। खबर के अनुसार रामचंद पहली हिंदू महिला हैं, जिनका सीएसएस परीक्षा के बाद पीएएस के लिए चयन हुआ है। अंतिम सूची में 79 महिलाएं शामिल हैं और उन्हें पीएएस समेत विभिन्न समूह आबंटित हुए हैं। परीक्षा में शीर्ष स्थान पाने वाली भी एक महिला, माहीन हसन हैं, जिन्हें पीएएस आबंटित किया गया है।
Waheguru Ji Ka Khalsa Waheguru Ji Ki Fateh🦅
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I'm pleased to share that by the grace of ALLAH ALMIGHTY, I have cleared the CSS 2020 and allocated to PAS. All credit goes to my parents. #css2021#100mostbeautifulwomen2021 pic.twitter.com/Jg3WqsWfWz— Dr Sana Ramchand (@DrSanaRamchand) May 7, 2021
सना की जमकर हो रही तारीफ
सना रामचंद ने बताया कि उन्होंने बिना किसी की मदद की यह तैयारी की। सना ने बताया कि केवल इंटरव्यू के लिए उन्होंने कोचिंग का सहारा लिया था। उनकी सफलता से जहां पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। वहीँ हिन्दू समुदाय मे भी उनकी जमकर तारीफ हो रही है। क्योंकि, बहुत कम हिन्दू महिलाएं है, जिन्होंने पाकिस्तान में कोई मुकाम हासिल किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं।
पाकिस्तान में सिंध की रहने वाली हैं सना
सना रामचंद पाकिस्तान के सिंध प्रांत की रहने वाली हैं और वे एक MBBS डॉक्टर भी हैं। सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले ले में स्थित कस्बा चक की रहने वाली हैं। उन्होंने प्राइमरी से कॉलेज तक की शिक्षा वहीं से प्राप्त की है।
सना रामचंद के पिता स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। पाकिस्तान में कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय का छात्र इस तरह की कामयाबी हासिल करने का सपना भी नहीं देख सकता।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा कट्टरपंथी डराते और धमकाते हैं तथा उन्हें इस्लाम कुबूल करने की धमकी देते हैं। अपने धर्म का पालन करते हुए कोई कामयाबी हासिल कर पाना पाकिस्तान में नामुमकिन है। इसीलिए सना रामचंद की ये सफलता अद्वितीय और ऐतिहासिक मानी जा रही है।