एक बिहारी सौ पर भारी, आपने कभी न कभी यह कहावत जरूरी सुना होगी। लेकिन इस कहावत को सच कर दिखाने का दम महज कुछ लोगों में ही होता है, जिनमें से एक हैं इनायत खान (Inayat Khan)। इनायत ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसकी वजह से पूरे देश में उनकी वाहवाही हो रही है।
बिहार के शेखपुरा नामक छोटे से जिले में डीएम पद पर कार्यरत इनायत खान (Inayat Khan) ने राज्य के लिए बेहतर कार्यों के साथ साथ शहीद जवानों की बेटियों को गोद लेकर समाज को नया संदेश दिया है। इनायत खान ने 2 साल पहले 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले मे शहीद हुए दो जवानों की बेटियों को गोद लेने का सराहनीय कदम उठाया था।
शहीद जवानों की बेटियों को लिया था गोद
डीएम इनायत खान ने पुलवामा हमले में शहीद हुए दो सीआरपीएफ जवानों रतन कुमार ठाकुर और संजय कुमार सिन्हा की बेटियों को गोद लिया है, जिसके तहत वह जीवन भर उन दोनों लड़कियों की पढ़ाई और पालन पोषण का खर्च उठाएगी।
इतना ही नहीं इनायत खान ने अपने ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों को शहीद परिवारों के लिए डोनेश करने को कहा है, जिसके लिए उन्होंने शेखपुरा जिले में एक बैंक अकाउंट भी खोला है। इस अकाउंट में कोई सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारी शहीदों के परिवार के लिए डोनेश जमा करवा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की डीएम की तारीफ
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने महिला जिलाधिकारी इनायत खान की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जिले को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया है। आपको बता दें कि भारत के लगभग 113 जिलों में आकांक्षा योजना लागू की गई है, जिसके तहत जिलों को बेहतर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डीएम इनायत खान द्वारा किए गए बेहतर प्रयासों की वजह से शेखपुरा जिले में बदलाव आए हैं, जिसकी गिनती पहले बिहार के पिछड़े इलाकों में की जाती थी। शेखपुरा में कुपोषण के मामलों में भी कमी आई है, जबकि शिक्षा के खराब स्तर पर भी सुधार हुआ है।
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए डीएम इनायत खान से बातचीत की और उनके द्वारा शहीद जवानों की दो बेटियों को गोद लेने के फैसले की तारीफ भी की। शेखपुरा जिले में डीएम के बेहतर प्रयासों को लेकर खूब चर्चा हो रही है, जबकि सोशल मीडिया पर भी डीएम इनायत खान की तारीफ की जा रही है।
आकांक्षा योजना के तहत कुपोषण के खिलाफ लड़ाई
आपको बता दें कि शेखपुरा जिले में आकांक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में गोद भराई की रस्म पूरी की जाती है, जिसमें उन्हें हरी साग सब्जियां और आयरन की गोलियां भेंट स्वरूप दी जाती हैं। इसके अलावा जिले की अन्य महिलाओं को पौष्टिक व संतुलित भोजन खाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
शेखपुरा में नवजात बच्चे के 6 महीने का होने पर अन्नप्राशन समारोह आयाजित किया जात है, जिसमें बच्चे को पौष्टिक भोजन खिलाया जाता है। इन कार्यक्रमों को आयोजित करने का मकसद गांव के लोगों पौष्टिक भोजन की अहमियत समझाना और उन्हों कुपोषण से सुरक्षित रखना है।
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