Car Driving Tips: बढ़ते ट्रैफिक और तेजी से बदलते मौसम के बीच अब कार कम्यूट करने का एक सेफ साधन बनती जा रही है। अब लगभग हर घर में जितने ड्राइवर होते हैं उतनी ही कारें भी होती हैं। इसी के चलते कार ड्राइविंग सीखने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। यदि आप भी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं और कार चलाना सीखने की सोच रहे हैं तो आपको गाड़ी से संबंधित कुछ बेसिक जानकारियां होनी चाहिए।
इन जानकारियों को पहले से समझ लेने से न केवल आपको कार चलाना सीखने में आसानी होगी बल्कि आप कम समय में अच्छे ड्राइवर भी बनेंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि कार की A, B, C, D क्या होती हैं…
क्या है A, B, C और D?
जब बात कार चलाने की होती है तो A का मतलब होता है – एक्सेलरेटर पेडल (Accelerator Pedal), B का मतलब होता है – ब्रेक पेडल (Brake Pedal), C का मतलब होता है – क्लच पेडल (Clutch Pedal) और D का मतलब होता है – डेड पेडल (Dead Pedal)। इन सभी के अलग-अलग काम होते हैं। A, B और C के बारे में बहुत से लोग जानते होते हैं लेकिन D (डेड पेडल) के बारे में कम लोगों को ही जानकारी होती है।
D पैडल का क्या होता है काम?
डेड पैडल (dead pedal), जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि यह एक डेड यानी कि बिना किसी काम का पैडल है। लेकिन, असल में इसका एक बड़ा काम है, आप अपने बाएं पैर को आराम देने के लिए इसपर रख सकते हैं। दरअसल, ड्राइविंग (Car Driving Tips) के दौरान बाएं पैर का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल नहीं होता है। बाएं पैर का इस्तेमाल क्लच दबाने और रिलीज करने के लिए किया जाता है।
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ऐसे में जब-जब क्लच दबाना या रिलीज करना होता है तब-तब ही बाएं पैर का इस्तेमाल होता है। यह तब किया जाता है जब गियर शिफ्ट करने होते हैं। यानी, ज़्यादातर समय आपका बायां पैर खाली रहता है। तो इसे आराम देने के लिए बहुत सी कारों में डैड पेडल (Dead pedal) बना दिया जाता है, जो क्लच पैडल (Clutch pedal) के ठीक बराबर में बाईं ओर दिया जाता है।
हालांकि सभी कारों में डेड पैडल नहीं होता, लेकिन वर्तमान में कुछ कारों जैसे Hyundai के लगभग सभी मॉडल और Maruti की कुछ कारों में आपको डेड पैडल (Dead pedal) देखने को मिलेगा।
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