भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां विभिन्न फसलों से लेकर दाल, सब्जी और फलों की खेती की जाती है। इसी कृषि की वजह से ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों लोगों का चूल्हा जलता है और उन्हें रोजगार मिलता है।
लेकिन पहले जहां खेती अनपढ़ और कम पढ़े लिखे लोगों द्वारा किया जाने वाला काम समझा जाता था, वहीं आज पढ़े लिखे युवा भी इस काम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है अभिषेक जैन नामक युवा ने, जिन्होंने खेती में 2 लाख की लागत से 6 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है।
पिता की मौत के बाद शुरू की खेती
राजस्थान के भीलवाड़ा में स्थित संग्रामगढ़ गांव से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक जैन ने स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अजमेर के एक कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हालिस की थी। इसके बाद उन्होंने मार्बल का बिजनेस शुरू किया, ताकि आजीविका चलाने में अपना योगदान दे सकें। लेकिन इस बीच अभिषेक के पिता जी अचानक मृत्यु हो गई, जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।
अभिषेक अपना मार्बल का बिजनेस छोड़कर वापस अपने गांव लौट गए और वहां उन्होंने खेती बाड़ी शुरू कर दी, हालांकि अभिषेक को इस काम की खास जानकारी नहीं थी। साल 2007 में अभिषेक जैन ने नींबू और अमरूद के पेड़ लगाकर खेती की शुरुआत की थी, जिसके लिए उन्होंने जैविक खाद का इस्तेमाल किया।
खेती के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और बाजार से रासयनिक खाद खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है, जिससे अभिषेक का खाद पर लगने वाला खर्च कम हो गया। इस तरह अभिषेक को नींबू और अमरूद की खेती करने से अच्छा फायदा होने लगा।
नींबू की खेती से सालाना 6 लाख रुपए की कमाई
बीतते समय के साथ खेती को लेकर अभिषेक की नॉलेज बढ़ती गई और उन्होंने नींबू की खेती को जारी रखने का फैसला किया, क्योंकि नींबू एक ऐसा फल है जिसकी खेती 12 महीनें आसानी से की जाती सकती है। इतना ही नहीं बाजार में नींबू की मांग भी काफी ज्यादा होती है, क्योंकि इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है।
अभिषेक जैन मॉनसून की पहले बारिश के बाद नींबू की खेती शुरू कर देते हैं, जिसके पौधे को पेड़ बनने में 3 साल का वक्त लगता है। इसके बाद पेड़ में फल आने लगते हैं, जिन्हें तोड़कर बाजार में अच्छे दामों में बेचा जा सकता है।
अभिषेक ने अपनी 1.75 एकड़ की जमीन में नींबू के पेड़ लगाए हैं, जिनकी कुल लागत 1 से डेढ़ लाख रुपए तक होती है और 50 हजार रुपए रखरखाव व सिंचाई आदि पर खर्च होते हैं। हालांकि एक बार खर्च होने वाली इस धनराशि के बदले अभिषेक को सालाना 6 लाख रुपए तक का मुनाफा हो जाता है।
उत्पादन के साथ शुरू किया अचार का व्यापार
नींबू को सलाद आदि में खाने के साथ साथ उसका अचार भी काफी ज्याद पसंद किया जाता है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए अभिषेक ने घर पर ही नींबू का अचार बनाने का काम शुरू कर दिया। शुरुआत में उन्होंने इस अचार को घर आने वाले मेहमानों और पड़ोसियों को खिलाया, जब लोगों को उनका बनाया अचार पसंद आया तो अभिषेक ने इसका भी बिजनेस शुरू कर दिया।
अभिषेक ने नींबू के अचार का व्यवसाय शुरू करने से पहले गांव में लगभग 50 किलोग्राम अचार मुफ्त में बांटा था, जिसका स्वाद लोगों को काफी ज्यादा पसंद आया। इसके बाद उन्होंने साल 2016 में नींबू के अचार का बिजनेस शुरू कर दिया, अभिषेक 200 रुपए में 900 ग्राम अचार के बोतल की बेचते हैं। इस तरह अभिषेक द्वारा बनाए गए नींबू के अचार की मांग तेजी से बढ़ने लगी, जिसकी वजह से अब वह सालाना 500 से 700 किलोग्राम अचार बेचकर मुनाफा कमाते हैं। नींबू की खेती के लिए अभिषेक ने मजदूर लगाए हैं, जबकि अचार के बिजनेस में उनकी मां और पत्नी मदद करती हैं।
टीम सेमकिट ग्रुप के जरिए लोगों से जुड़ने की प्रयास
अभिषेक जैन ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह गांव में खेती करेंगे और उसके जरिए इतना मुनाफा कमाएंगे, लेकिन खेती करने के बाद उनको प्रकृति से बेहद लगाव हो गया। वह खुद तो जैविक खेती करते ही हैं, साथ में गांव के अन्य लोगों को भी इस काम के लिए बढ़ावा देते हैं।
अभिषेक जैन ने लोगों से जुड़ने के लिए टीम सेमकिट नामक एक ग्रुप बनाया है, जिसमें विभिन्न राज्यों के किसान, कृषि विशेषज्ञ और पीएचडी के छात्र शामिल हैं। वह व्हाट्स एप के जरिए युवा किसानों को खेती से जुड़ी बारिकियां समझाते हैं, जबकि जरूरत पड़ने पर उन्हें ट्रेनिंग भी देते हैं।
अभिषेक का मानना है कि हर व्यक्ति को प्रकृति से प्यार करना चाहिए और जगह के हिसाब से खेती करनी चाहिए। वह शहर में रहने वाले लोगों को खेत और बालकनी में खेती और गार्डनिंग कनरे का सुझाव देते हैं। अभिषेक अब तक टीम सेमकिट के जरिए 18 युवाओं को खेती की ट्रेनिंग दे चुके हैं और वह आगे भी इस काम को जारी रखना चाहते हैं।
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