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कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर मजबूरी में बने थे किसान, आज हाइब्रिड मिर्ची उगाकर कमा रहे हैं करोड़ रुपए

Chilly Farming: हमारे देश में ज्यादातर लोग उच्च शिक्षा और अच्छे मार्क्स पर जोर देते हैं, ताकि बच्चा भविष्य में हाई क्लास नौकरी प्राप्त कर सके। लेकिन हर कोई पढ़ाई में अच्छा नहीं होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह पैसे नहीं कमा सकता है या फिर अपने जीवन में कामयाब नहीं हो सकता है।

आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मजबूरी में खेती शुरू की थी लेकिन आज उसी खेती के चलते वह लखपति बन चुके हैं। हम बात कर रहे हैं पंजाब में रहने वाले गुरबीर सिंह की, जो अपने गांव में हाइब्रिड मिर्च की खेती करते हैं और उससे सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।

पढ़ाई छोड़कर बन गए थे किसान

पंजाब के अमृतसर में स्थित भोरशी राजपूता गांव से ताल्लुक रखने वाले गुरबीर सिंह एक किसान परिवार से आते हैं, लेकिन वह खुद कभी भी किसान नहीं बनना चाहते थे। ऐसे में गुरबीर सिंह ग्रेजुएशन करके कोई अच्छी नौकरी करने का सपना देख रहे थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया।

दरअसल जब गुरबीर सिंह ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे, तो उसी दौरान उनके पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उस वक्त गुरबीर सिंह की उम्र महज 19 साल थी और पिता के जाने के बाद उनका परिवार कर्ज में डूब गया था, घर में कोई और कमाने वाला नहीं था और छोटे भाई बहनों की जिम्मेदारी भी गुरबीर के कंधों पर आ गई थी।

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हाइब्रिड मिर्ची के उत्पादन से मिली तरक्की

ऐसे में गुरबीर ने मजबूरी में घर का खर्च चलाने के लिए खेतों में काम करना शुरू कर दिया, लेकिन वह नहीं जानते थे कि किसानी के काम में उन्हें महज 2 साल में ही तरक्की मिल जाएगी। दरअसल गुरबीर सिंह ने पारंपरिक खेती करने के साथ साथ फसल उगाने की नई तकनीक सीख ली थी, जिसमें हाइब्रिड मिर्च का उत्पादन भी शामिल था।

गुरबीर सिंह ने पंजाब कृषि विश्विविद्यालय से हाइब्रिड मिर्च की खेती करने का तरीका सीखा और फिर हाइब्रिड मिर्च की खेती (Chilly Farming) करने लगे, जिसमें कीड़े और फंगस लगने का खतरा बहुत ही कम होता है। इतना ही नही हाइब्रिड मिर्च की सेल्फ लाइफ भी लंबी होती है, जो स्वाद, रंग और उपज में भी अच्छी होती है।

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इस तरह गुरबीर सिंह ने हाइब्रिड मिर्च की खेती (Chilly Farming) करने में महारत हासिल कर ली और गांव के अन्य किसानों को भी हाइब्रिड फसलों का उत्पादन करने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने नई तकनीक से कम जमीन पर अधिक फसलें उगाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही गुरबीर सिंह ने गोबिनपुरा नर्सरी की स्थापना भी की, जहां से किसान विभिन्न फसलों को उगाने के लिए बीज और पौधे खरीदते हैं।

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गुरबीर सिंह की यह नर्सरी लगभग 18 एकड़ की जमीन पर फैली हुई है, जिसका सालाना टर्नओवर करोड़ रुपए का है। हालांकि इस मुकाम तक पहुंचना गुरबीर सिंह के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन वह चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता की राह पर आगे बढ़ते गए और आज उन्हें अमृतसर का एक नामी किसान और बिजनेसमैन माना जाता है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
सपनों और हक़ीक़त को शब्दों से बयां करती है 'क़लम'!
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