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रेलवे पटरी के बीचों बीच खड़ा कर दिया बिजली का खंभा, सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस

Electric Pole On Rail Track: भारत का रेलवे सिस्टम एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसके जरिए रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। ऐसे में कई बार खराब मौसम और रेलवे पटरी के टूट जाने की वजह से ट्रेन लेट हो जाती है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगताना पड़ता है।

ऐसे में अगर रेलवे पटरी के बीचों बीच एक बिजली का खंभा लगा दिया जाए, तो इस घटना का सुर्खियों में आना तय है। दरअसल मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक रेलवे ट्रैक के बीच बिजली का खंभा खड़ा कर दिया गया है, जिसकी तस्वीरे सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं जबकि रेलवे विभाग का कहना है कि खंभा बिल्कुल सही जगह पर लगा हुआ है।

रेलवे ट्रैक के बीच बिजली का खंभा

किसी भी ट्रेन को समय पर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए पटरियों के ऊपर से गुजरना पड़ता है, लेकिन अगर उसी पटरी के बीचों बीच एक बिजली का खंभा खड़ा हो जाए तो उस पटरी के ऊपर से ट्रेन का गुजरना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

दरअसल इन दिनों मध्य प्रदेश के बीना और कटनी जिले के बीच रेलवे थर्ड लाइन का काम कर रहा है, जिसके तहत रेलवे ट्रैक के बीचों बीच एक बिजली का खंभा खड़ा कर दिया गया है। जिस रेलवे ट्रैक पर यह बिजली का खंभा खड़ा है, वह नरयावली से ईसरवारा के बीच साढ़े सात किलोमीटर लंबी डबल रेल लाइन है।

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बताया जा रहा है कि रेलवे विभाग ने जिस जगह पर ट्रैक बिछाया था, बिजली विभाग के कर्मचारियों ने उसी के ऊपर बिजली का खंभा खड़ा कर दिया। इस छोटी सी गलती की वजह से ट्रैक के ऊपर ट्रेन का गुजरना नाममुकिन है, जिसकी वजह से 1 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को दूसरी जगह पर शिफ्ट करना पड़ेगा।

वहीं इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने रेलवे पर कॉमेंट करना शुरू कर दिया:
सिमी नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा:

“भाइयो-बहनो, आप बताओ, क्या नए भारत में रेल पटरी के बीच में खंभा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? पिछले 70 सालों से रेल पटरी के बीच में खंभा नहीं लगा पाए, हमने लगा के दिखाया है।”

मेघराम चौधरी नाम के यूजर लिखते हैं:

“सड़क के बीच खंभे लगते तो कई बार देख चुके हैं, लेकिन रेल पटरी के बीच खंभा पहली बार देख रहे हैं जो रेलवे इंजीनियर का कमाल ही है।”

एक और यूजर पंकज दीवान अपनी राय देते हुए लिखते हैं:

“पटरी शिफ्टिंग की क्या जरुरत है, पोल भी तो सही जगह शिफ्ट हो सकता है।”

राज्य निर्माण विभाग द्वारा जिस ठेकेदार को पटरी बिछाने का काम दिया गया था, उसने सेंटर ट्रैक से अलाइनमेंट किए बिना ही ट्रैक बिछा दिया था। इस गलती की वजह से बिजली विभाग ने ट्रैक के ऊपर ही बिजली का खंभा लगा दिया, क्योंकि उस खंभे को उसी जगह पर लगाया जाना था। ऐसे में अब 1 किलोमीटर के ट्रैक को शिफ्ट करने में 15 लाख रुपए का खर्च आएगा, जबकि इसमें अतिरिक्त समय भी बर्बाद होगा।

विभाग ने क्या कहा?

हालांकि इन सब के बावजूद भी रेलवे और बिजली विभाग के कर्मचारी अपनी गलती मानने से इंकार कर रहे हैं, जबकि इस पूरे मामले को दूसरे विभाग पर डालने की कोशिश कर रहे हैं। जबलपुर मंडल के सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव का कहना है,

“ईसरवारा स्टेशन के पास एनआई (नॉन-इंटरलॉकिंग) अभी प्रस्तावित है जहां डबल लाइन बिछनी है। प्लान के अंतर्गत उस लाइन में जो अभी पुराना स्टेशन है, उसकी बिल्डिंग लाइन के रास्ते में आ रही है। जो भी प्लान है वो पहले से तैयार किया हुआ है। उसके हिसाब से ही काम हो रहा है। जब हम डबल लाइन बिछाते हैं, तो उसके लिए पहले मटेरियल की जरूरत होती है, स्लीपर की जरूरत होती है। उसके लिए कुछ टेंपरेरी लाइन बिछानी पड़ती है।”

वहीं ANI से बातचीत में राहुल श्रीवास्तव ने बताया,

“पोल एक अस्थायी लाइन पर है जो नई लाइन बनाने से पहले मदद के लिए बनाई जाती है। इस अस्थायी लाइन को बाद में हटाकर नई लाइन बनाई जाएगी। तो OHE मास्ट (मतलब इलेक्ट्रिक पोल) वहीं है जहां इसे होना चाहिए।”

सीपीआरओ का ये भी कहना है कि 24 अगस्त से जैसे ही एनआई चालू होगी, तो स्टेशन बिल्डिंग और टेंपरेरी लाइन को हटा दिया जाएगा। पहले से जो डिजाइन तैयार हुआ है, उसी हिसाब से डबल लाइन बिछेगी। इसमें रेलवे को कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। सीपीआरओ ने बताया कि जब डबल लाइन बिछती है तो रास्ते में कुछ स्ट्रक्चर आते हैं और इसी तरह से काम होता है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
सपनों और हक़ीक़त को शब्दों से बयां करती है 'क़लम'!
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