Interesting facts about Airplanes – आज के आधुनिक समय हवाई जहाज से यात्रा करना बहुत ही आसान और सुविधाजनक हो गया है, जिसकी वजह से प्लेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में हवाई जहाज से सफर करने वाले ज्यादातर यात्रियों को यह लगता होगा कि उनके पास यात्रा से जुड़ी सारी जानकारी मौजूद है।
लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एयरलाइंस कंपनियां हवाई यात्रा से जुड़े कई राज यात्रियों से छिपा कर रखती है, जिनके बारे में शायद आपको भी कोई जानकारी नहीं होगी।
ऐसे में आइए जानते हैं, हवाई यात्रा और एयरलाइंस कंपनी से जुड़े कुछ रोमांचक फैक्ट्स-
प्लेन में डीम लाइट्स का चलन
रन-वे पर लैंडिंग या टेक ऑफ के दौरान प्लेन को एक्स्ट्रा पावर की जरूरत होती है, जिसकी वजह से फ्लाइट में जल रही सभी लाइट्स एकदम से बंद हो जाती हैं और उनकी जगह पर बहुत ही डीम यानि धीमी लाइट्स जल जाती हैं।
कई लोगों को लगता है कि फ्लाइट में धीमी लाइट्स इसलिए जलाई जाती हैं, ताकि यात्रियों की आंखों को आराम मिले और वह सोते हुए अपना सफर तय कर सकें। लेकिन इन सब कारणों के विपरीत प्लेन में जलने वाली धीमी लाइट्स पावर सप्लाई में बचत करने का काम करती है।
फ्लाइट में न करें कॉफी का सेवन
अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं, तो अपनी इस पसंद को हवाई जहाज में सफर करने के दौरान दबा देने में ही आपकी भलाई है। दरअसल फ्लाइट में कॉफी बनाने के लिए जिस कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है, उसे 24 घंटे में सिर्फ एक बार साफ किया जाता है।
ऐसे में कंटेनर में बार बार कॉफी बनाने की वजह से वह गंदा हो जाता है, जिसकी वजह से यात्रियों को परोसी जाने वाली कॉफी उनकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। एयरलांइस कंपनियों को कहना है कि कॉफी कंटेनर की सप्लाई करने वाले एजेंट साफ सफाई का ख्याल नहीं रखते हैं, इसलिए फ्लाइट में कॉफी पीना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
हेडफोन्स के इस्तेमाल से हो सकता है इंफेक्शन
इंटरनेशनल फ्लाइट में यात्रियों के मनोरंजन के लिए टीवी देखने और गाने सुनने की सुविधा होती है, जिसके लिए उन्हें हेडफोन दिए जाते हैं। यह हेडफोन अच्छी तरह से पैक होते हैं, जिसकी वजह से यात्रियों को यह लगता है कि उन्हें नए हेडफोन्स दिए गए हैं।
लेकिन हम आपको बता दें कि उन हेडफोन्स को फ्लाइट में कई बार इस्तेमाल किया जा चुका होता है, जिन्हें हर बार इस्तेमाल के बाद अच्छी तरह से पैक करके रख दिया जाता है। ऐसे में दूसरे यात्रियों द्वारा यूज किए गए हेडफोन लगाने से आपको कान संबंधी इंफेक्शन हो सकता है, लिहाजा उनका इस्तेमाल करने से परहेज करें।
सिर्फ 15 मिनट काम करता है ऑक्सीजन मास्क
प्लेन के हवा में उड़ान भरने से पहले एयर होस्टेस सभी यात्रियों को आपातकालीन स्थिति में ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल करने का तरीका बताती है, लेकिन एयर लाइंस कंपनियां कभी यह नहीं बताती हैं कि वह ऑक्सीजन मास्क कितनी देर तक काम करेंगे। अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि हवाई जहाज में मौजूद ऑक्सीजन मास्क सिर्फ 15 मिनट के लिए काम करते हैं।
दरअसल आपातकालीन स्थिति में जब फ्लाइट में हवा का दबाव कम हो जाता है, तो सीट के ऊपर ऑक्सीजन मास्क लटकने लगते हैं। इन मास्क को लगाकर यात्रियों को सांस लेने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहती है, लेकिन यह ऑक्सीजन सप्लाई सिर्फ 15 मिनट तक काम करती है। अगर तब तक हालात सुधर गए, तो यात्रियों की जान बच जाएगी, वरना दम घुटने की वजह से यात्री अपनी जान गवा सकते हैं।
पायलट और पैसेंजर्स के खाने में अंतर
हवाई सफर के दौरान यात्रियों को खाना सर्व किया जाता है, जिसमें वेज और नॉनवेज डिशज़ शामिल होती हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्लेन में सफर कर रहे यात्रियों और पायलट का भोजन अलग अलग होता है, ताकि पायलट को प्लेन उड़ाने में आसानी हो।
दरअसल हवाई सफर के दौरान पायलट को हल्का फुल्का खाना परोसा जाता है, जो आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है। अगर पायलट को यात्रियों की तला, भुना या ज्यादा मसालेदार भोजन दिया जाए, तो वह पेट खराब होने की वजह से टॉयलेट में ही फंसा रह जाएगा।
प्लेन उड़ाने के दौरान सो जाते हैं पायलट
प्लेन को उड़ाने और उसे आसमान की ऊंचाई में संभालने की जिम्मेदारी पायलट की होती है, ऐसे में अगर पायलट प्लेन चलाते चलाते सो जाए तो क्या होगा। यह बात सुनने में अजीब जरूर लगती है, लेकिन पायलट प्लेन को एक निश्चित ऊंचाई पर ले जाने के बाद सो जाते हैं।
दरअसल ऊंचाई पर जाने के बाद प्लेन के अंदर एयर पॉकेट बनने लगता है, जिसकी वजह से पायलट को नींद आने का एहसास होता है। ऐसे में पायलट सोने से पहले प्लेन को ऑटो पायलट मोड पर कर देता है, जबकि कैबिन में मौजूद दूसरा पायलट जागकर प्लेन को कंट्रोल करने का काम करता है। इस तरह पायलट के सो जाने के बाद भी प्लेन आराम से हवा में उड़ता रहता है, जबकि दोनों पायलट थोड़ी थोड़ी देर की झपकी भी ले लेते हैं।
प्लेन में होते हैं सीक्रेट कैमरे
हवाई जहाज में सफर करने के दौरान आपको शायद ही कोई कैमरा दिखाई देगा, इसलिए कई यात्रियों को लगता है कि प्लेन में कैमरा नहीं लगा होता है। लेकिन हम आपको बता दें कि हवाई जहाज में सीक्रेट कैमरा इंस्टॉल किए जाते हैं, जो यात्रियों की हरकतों पर बराबर नजर रखते हैं।
दरअसल यह सीक्रेट कैमरा सुरक्षा कारणों से लगाए जाते हैं, ताकि प्लेन हाईजैक या चोरी जैसे अपराध को समय रहते रोका जा सके। ऐसे में अगर आप फ्लाइट में अपने पार्टनर के साथ रोमेंटिक होने की सोच रहे हैं, तो इस तरह की हरकत बिल्कुल न करें।
प्लेन में नहीं होती है शव रखने की जगह
जमीन से कई फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहे प्लेन में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसके मृत शरीर को रखने के लिए हवाई जहाज में अलग से कोई जगह नहीं होती है। ऐसे में मृतक की लाश को उसकी की सीट पर रख दिया जाता है और उसे कंबल से ढक दिया जाता है।
वहीं अगर किसी यात्री को डेड बॉडी के पास बैठने में आपत्ति होती है, तो मृत की लाश को कंबल से ढक कर प्लेन में एक कोने पर लेटा दिया जाता है। इस तरह सफर खत्म होने पर सभी यात्रियों के प्लेन से उतरने के बाद शव को प्लेन से बाहर निकाल कर एयरपोर्ट अथोरिटी को सौंप दिया जाता है।
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