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पॉजिटिव खबर: 200 युवाओं ने पेश की मानवता की मिसाल, 6 महीने में सैकड़ों लोगों को पहुंचाई मेडिकल हेल्प

भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था वैसे ही बदहाल है, ऐसे में कोरोना महामारी ने आम जनता को दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर कर दिया है। जहां पहले ब्लड की कमी को ब्लड डोनेशन के जरिए पूरा कर लिया जाता था, वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से यह काम भी नहीं हो पा रहा है।

ऐसे में शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों में आम जनता इलाज करवाने के लिए भटक रही है, किसी को ब्लड नहीं मिल रही है तो कोई ऑक्सीजन, प्लाज्मा और बेड की तलाश में इधर उधर घूम रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश ने कुछ युवाओं ने मिलकर स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने की मुहिम शुरू की है, जिसकी वजह से 6 महीने के अंदर हजारों लोगों को लाभ मिल चुका है।

इंसानियत की मिसाल बने 200 युवा

मध्य प्रदेश में 200 युवाओं ने आपस में मिलकर सहयोग नामक एक मुहिम शुरू की है, जिसके चलते वह जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाते हैं। 6 महीने के अंदर अब तक इस ग्रुप ने हजारों लोगों की मदद की है, जबकि अनगिनत लोगों की जान बचाई है।

सहयोग ग्रुप से जुड़े युवा मध्य प्रदेश के अलग अलग इलाकों में लोगों की मदद करते हैं और उन्हें ऑक्सीजन, बेड, ब्लड, दवाई और भोजन जैसी मूलभूत चीजें मुहैया करवाते हैं। सहयोग की शुरुआत आज से 6 महीने पहले कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान 20 अप्रैल को भोपाल में की गई थी, जब अस्पतालों की स्थिति बहुत ही खराब थी।

इस ग्रुप ने महामारी के दौर में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 24 घंटे सेवाएं दी हैं, जबकि सोशल मीडिया के जरिए इंदौर, देवास, शुजालपुर, रीवा, सतना, ग्वालियर, होशंगाबाद, विदिशा और जबलपुर समेत कई शहरों के युवाओं को इस मुहिम में अपने साथ जोड़ा है। इस ग्रुप में कॉलेज स्टूडेंट्स से लेकर रिसर्चर्स, स्कॉलर्स और कुछ जूनियर डॉक्टर्स भी शामिल हैं।

ऐसे काम करता है सहयोग ग्रुप

सहयोग से जुड़े युवाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेज बनाया है, जिसमें उन्होंने आम लोगों के साथ अपना मोबाइल नंबर शेयर किया। इसके बाद जैसे ही सहयोग ग्रुप के पास किसी की मदद के लिए कॉल आती है, वह तुरंत काम में लग जाते हैं। इनकी टीम सबसे पहले केस को वैरिफाई करती है और फिर वह हॉस्पिटल का रिक्वायरमेंट लेटर लेते हैं, ताकि मरीज की पूरी केस हिस्ट्री के बारे में जानकारी मिल सके।

सहयोग ग्रुप पांच अलग अलग टीमों के रूप में काम करता है, जिसमें बेड रिस्पॉन्स टीम, प्लाज्मा टीम, ऑक्सीजन सिलेंडर टीम, ब्लड अरेंजमेंट टीम और वेरिफिकेशन टीम शामिल है। वेरिफिकेशन टीम सभी केसों की जांच करती है, ताकि आगे कोई कन्फ्यूजन या गलती न हो। यह ग्रुप लोगों को फ्री में ब्लड मुहैया करवाता है या फिर डोनेट किए गए पैसों से ब्लड खरीद कर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है।

500 से ज्यादा लोगों को दे चुके हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

सहयोग ग्रुप से जुड़े अंकित बताते हैं कि कोरोना महामारी जब पिक पर थी, तो उन्हें रोजाना कई कॉल आते थे। वह ऑक्सीजन की तलाश में 200 से ज्यादा कॉल करते थे और रात से 3 से 4 बजे तक जग जग कर काम करते थे। पिछले 6 महीनों में सहयोग ग्रुप ने 500 से ज्यादा लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाया है, जबकि सैकड़ों लोगों को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया है।


कई बार सहयोग ग्रुप को मध्य प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों से भी मदद के लिए कॉल आई, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश की। इस काम में बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी और कवि कुमार विश्वास ने भी उनकी मदद की और सहयोग ग्रुप को फंड मुहैया करवाया।

ऐसा नहीं है कि इस काम को करने के दौरान सहयोग ग्रुप से जुड़े लोगों को समस्या का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन ग्रुप के किसी भी मेंबर ने हालातों के आगे घुटने नहीं टेके और दिन रात लोगों की मदद करते रहे। आज यह ग्रुप मध्य प्रदेश में इतना पॉपुलर हो चुका है कि लोग खुद इन्हें फोन करके ब्लड डोनेट करने के लिए आगे आते हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके।

Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
सपनों और हक़ीक़त को शब्दों से बयां करती है 'क़लम'!
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