भारत में हर युवा का सपना होता है कि वह पढ़ लिख करके एक अच्छी सरकारी नौकरी करें। एक सुखद जीवन के लिए हर व्यक्ति एक अच्छी नौकरी की तलाश करता है। लेकिन कुछ लोग नौकरी लग जाने के बाद अधिक कमाई के लालच में घूस एवं रिश्वत लेने लगते हैं। जिससे अपने देश और समाज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। यदि हम सब ये ठान लें कि रिश्वत नहीं लेनी है तो देश में भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जा सकती है। और सरकारी दफ्तर के साथ साथ अपने देश का भी रूप चमक उठेगा। ऐसी ही सोच है उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी प्रशांत नागर (IAS Prashant Nagar) की, उन्होंने शादी के जरिए समाज को एक सकारात्मक संदेश देने का काम किया है।
अयोध्या (Ayodhya) के जॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात प्रशांत नागर ने महज 101 रुपये शगुन लेकर हाल ही में शादी के बंधन में बंधे हैं। उन्होंने शादी में सिर्फ 101 रुपये का शगुन लेकर दिल्ली में रहने वाली डॉ मनीषा भंडारी के साथ सात फेरे लिए। पुरे देश में इस बिना दहेज के विवाह को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। इस दौरान उन्होंने कोरोना नियमों का पालन करते हुए 11 बाराती ही शादी में शामिल हुए।
प्रशांत नागर ने एक बेहतरीन इंसान और ज़िम्मेदार नागरिक की मिसाल पेश करते हुए अपनी शादी में जरा-सा दिखावा नहीं किया और सादगी के साथ फेरे लिये। दिल्ली सहित फरीदाबाद में इस बिना दहेज के विवाह को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं।
Very happy to be married to the love of my life. pic.twitter.com/s91g53uCpJ
— Prashant Nagar (@Prashan23511042) June 26, 2021
7 की जगह लिए 8 फेरे
प्रशांत और मनीषा की शादी लॉकडाउन में हुई है, इसलिए उनके शादी समारोह में सभी नियमों का पालन किया गया था। बारात में सिर्फ़ 11 लोग ही शामिल हुए थे, जबकि करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों को सोशल मीडिया के जरिए शादी की जानकारी दी गई थी।
प्रशांत और मनीषा ने अपनी शादी के जरिए समाज को दहेज न लेने और देने का सकारात्मक संदेश दिया है, ताकि किसी भी परिवार के लिए लड़की बोझ साबित न हो। इसके साथ ही प्रशांत ने अपनी मंगेतर के साथ 7 के बजाय 8 फेरे लिए और आठवें वचन के रूप में अपनी नौकरी के दौरान कभी भी रिश्वत न लेने की क़सम खाई।
दहेज के खिलाफ है प्रशांत का परिवार
अपनी सकारात्मक सोच और शादी के चलते सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटौरने वाले प्रशांत नागर ने इस साल मई महीने में कोरोना के कारण अपनी माँ को खो दिया था, जिसकी वज़ह से वह भावनात्मक रूप से काफ़ी कमजोर हो गए थे। प्रशांत के पिता रणजीत नागर दहेज प्रथा के सख्त खिलाफ हैं, इसलिए उन्होंने कन्या पक्ष से किसी तरह भी तरह का दहेज नहीं लिया।
इतना ही नहीं रणजीत नागर ने अपने बेटी की शादी भी बिना दहेज दिए ही संपन्न की थी और वर पक्ष ने शगुन के रूप में सिर्फ़ 101 रुपए लिये थे। उनके बेटे प्रशांत ने भी बिना दहेज सादगी पूर्वक शादी करने का संकल्प लिया था, जो पूरा किया। आईएएस अधिकारी के इस कदम की सराहना करते हुए तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ललित नागर ने कहा कि ऐसे विवाह समाज को एक आईना दिखाने का काम करते है। दहेज लेना और देना दोनों ही गलत है इसलिए समाज को अब जागरूक होकर शादी-ब्याहों में व्यर्थ खर्चों से बचना चाहिए। ऐसा करके दहेज प्रथा का भी अंत होगा।
दरअसल रणजीत नागर का मानना है कि शादी में बेवजह पैसे ख़र्च करना समझदारी नहीं है, बल्कि उन पैसों से गरीब और ज़रूरतमंद लड़कियों का विवाह संपन्न करने का प्रयास करना चाहिए।