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11 रोजाना उपयोग में आने वाली चीजें जिसकी खोज अनजाने में हुई थी

आविष्कार अक्सर जरूरतों से पैदा होते हैं। लेकिन कुछ अविष्कार ऐसे होते हैं जो अनजाने में  होते हैं और आमतौर पर वही होते हैं जो दुनिया को हमेशा के लिए बदलते चले जाते हैं। उन्हें एक अनजाने में इस दुनिया में लाया जाता है लेकिन वह मात्र आविष्कार इतने लोगों के लिए जीवन को आसान बना देता है।

इस पोस्ट में, आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि हम अपने दैनिक जीवन में इतनी सारी चीजें जिन्हे अपनी जीवन में नहीं छोड़ सकते हैं, यह एक अनजाने में हुए अविष्कार है।

1. आलू के चिप्स (Potato Chips)

हम सब को पोटैटो चिप्स खाना कितना पसंद है लेकिन क्या आपको पता है कि यह आविष्कार गुस्से में किया गया था। यह आविष्कार जॉज क्रम के द्वारा किया गया था। दरअसल, ये रेस्टोरेंट में शेफ थे। एक दिन एक कस्टमर बार-बार जॉर्ज क्रम का बनाया हुआ फ्राइ पोटैटो यह कहकर वापस कर दे रहा था कि यह ड्राय और क्रंची नहीं हैं। इससे तंग आकर जॉर्ज ने आलू को बिल्कुल पतले आकार में काटकर गर्म तेल में फ्राय किया और फिर नमक डालकर सर्व किया। उस कस्टमर को यह डिश पसंद आई उसके बाद फिर क्या था इस डिश का मजा पूरी दुनिया लेने लगी।

2. माइक्रोवेव (Microwave)

1945 में पर्सी स्पेनसर (Percy Spencer) रेथियॉन कॉरपोरेशन में रिसर्च कर रहे थे। रिसर्च करते समय वे मैग्नेट्रॉन नामक एक नई वैक्यूम ट्यूब के साथ प्रयोग कर रहे थे। तभी अचानक उनकी जेब में रखी कैंडी बार पिघलने लगी। यह देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ। इसके बाद उन्होंने इसकी सच्चाई जानने के लिए पॉपकॉर्न लिया और जब पॉपकॉर्न भी फूटने लगा तो उन्होंने उस पूरी प्रक्रिया को नोटिस किया और 1947 में पहला माइक्रोवेव ओवन बनाया।

3. पोस्ट-इट नोट्स(Post-It Notes)

स्पेंसर सिल्वर, 3M प्रयोगशालाओं के साथ एक शोधकर्ता एक सुपर मजबूत चिपकने वाला विकसित करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एक गोंद बना रहा था जो मौजूदा लोगों की तुलना में कमजोर था। इसे आसानी से खींचा जा सकता है और फिर से चिपकाया जा सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक, आर्ट फ्राई ने इस एडहेसिव का उपयोग बुकमार्क बनाने के लिए किया जिसे अब हम पोस्ट-इट के नाम से जानते हैं।

4. कॉर्नफ्लेक्स (Cornflakes)

जॉन और विल केलॉग ने अनजाने से कॉर्नफ्लेक्स विकसित कर लिया जब उन्होंने कई दिनों तक उबले हुए मकई के बर्तन को स्ट्रॉ पर छोड़ दिया।

5. नॉन-स्टिक पैन (Non-Stick Pans)

वैज्ञानिक रॉय प्लंकेट रेफ्रिजेरेंट के विकल्प की तलाश कर रहे थे। एक बार उन्होंने जैसे ही अपने सैंपल का बॉक्स खोला, उन्होंने पाया कि प्रयोग में इस्तेमाल होने वाली गैस गायब हो गई है और इसके बदले में फिसलनदार रेजिन अवशेष के रूप में बची हुई है, जिसमें हीट और केमिकल्स के लिए काफी रोधक क्षमता थी। बाद में इस खोज का इस्तेमाल पेंट्स, नॉन स्टिक कुकवेयर और स्पोर्ट्स इक्विपमेंट के रूप में होने लगा।

6. माचिस की तीली (Matchsticks)

जब एक ब्रिटिश रसायनज्ञ जॉन वॉकर ने अपने चूल्हे पर एक रासायनिक-लेपित छड़ी को खुरच दिया, तो उसने कुछ चिंगारी देखी। तभी उनके दिमाग में माचिस की तीली बनाने का विचार आया।

7. सुरक्षा कांच (Safety Glass)

एडवर्ड बेनेडिक्टस कांच की बोतल टुकड़ों में टूटे बिना गिरने से बच गई। इसका अध्ययन करने के बाद, उन्होंने पाया कि सेल्यूलोज नाइट्रेट नामक एक रसायन ने कांच को टूटने से रोका और इस तरह सुरक्षा कांच अस्तित्व में आया।

8. एक्स-रे (X-Ray)

भौतिकी के प्रोफेसर विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन अपनी प्रयोगशाला में एक सीआरटी पर काम कर रहे थे। उन्होंने ट्यूब को मोटे कागज से परिरक्षित किया और पाया कि यह एक फ्लोरोसेंट रोशनी का उत्सर्जन कर रहा था। उन्होंने पाया कि ट्यूब द्वारा एक नए प्रकार के विकिरण उत्सर्जित किए जा रहे थे जिसे एक्स-रे के रूप में जाना जाने लगा।

9. कोका कोला (Coca Cola)

जॉन पेम्बर्टन स्टाइथ नाम के फार्मासिस्ट ने इसे अनजाने में बना दिया था। दरअसल, वे सिर दर्द का इलाज करने के लिए कोला नट और कोला की पत्तियों को मिलाकर प्रयोग कर रहे थे। उनके लैब असिस्टेंट ने संयोगवश दोनों को कार्बोनेटेड वॉटर से मिला दिया, तो एक पेय पदार्थ बन गया और कोका कोला नाम से मार्केट में आया। शुरुआती दिनों में यह सिर्फ दवा की दुकानों में ही मिलता था।

10. स्लिंकी (Slinky)

हालांकि यह खिलौना किसी वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता है, यह कुछ के लिए एक वास्तविक मनोरंजन है। नौसेना के इंजीनियर रिचर्ड जेम्स जहाज पर संवेदनशील उपकरणों के लिए एक स्प्रिंग बनाने की कोशिश कर रहे थे। जब यह झरना अनजाने से गिर गया, तो यह हिलता-डुलता रहा और कूदता रहा। इससे उन्हें एक खिलौना बनाने का विचार आया और उनकी पत्नी बेट्टी ने इसे एक नाम दिया।

11. इंक-जेट प्रिंटर (Ink-Jet Printers)

कैनन के एक इंजीनियर ने अनजाने से अपनी स्याही की कलम पर एक गर्म लोहा छोड़ दिया जो उच्च दबाव के कारण उसके बर्तन से स्याही छोड़ने लगा। इससे उन्हें इंक-जेट प्रिंटर का विचार आया।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://www.rochakgyan.co.in/
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