वैसे तो बंदरों की कई प्रजातियां होती है। बंदरों (Monkey) की सबसे छोटी प्रजातियों में से एक है, पिग्मी मार्मोसेट (Pygmy Marmoset)। पिग्मी मार्मोसेट बंदरों का वजन इतना कम होता है कि आपको देखकर यकीन नहीं होगा कि ये एक प्रकार के बंदर हैं। ये देखने में इंसानी उंगली से भी छोटे होते हैं। इसका वजन महज 100 ग्राम होता है।
पिग्मी मार्मोसेट
दुनिया की चुनिंदा जगहों पर पाए जाने वाला यह बंदर बड़ी मुश्किल से दिखाई देता है। यह प्रजाति अटलांटिक, ब्राज़ील, पेरू, बोलीविया, इक्वाडोर और कोलंबिया के अमेज़ॉन क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
इस बंदर की सिर की लंबाई 117 से 152 मिमी यानि 4.6 से 6.0 इंच और पूँछ की लंबाई 172 मिमी से 229 मिमी यानी 6.8 से 9.० इंच तक होती है। इनके औसतन वयस्क शरीर का वजन केवल 100 ग्राम तक होता है। ये इतने छोटे होते है की किसी इंसान की हथेली पर आराम से आ सकते है।
नए जन्मे पिग्मी मार्मोसेट की आमतौर पर लंबाई महज 130 से 150 मिमी यानि 5 -6 इंच तक की होती है| इनका जीवनकाल 15 से 20 वर्ष का होता है। जंगलों में इनका जीवन इससे भी कम होता है जिसकी वजह इनका पेड़ों पर से गिरना माना जाता है।
मार्मोसेट अपने सिर को 180 डिग्री तक घुमाने में सक्षम होते है। अपने छोटे-छोटे पंजों के तेज नाखूनों की वजह से शाखाओं पर इनकी पकड़ मजबूत होती है। एक शाखा से दूसरी शाखाओं के बीच ये करीब 5 मीटर यानी 16 फ़ीट तक की छलांग लगा सकते है। आकार में छोटे होने की वजह से जंगलों में इन्हें सांप, बाज़ जैसे दुश्मनों से अपनी रक्षा के लिए वनस्पतियों का सहारा लेना पड़ता है। अपने इस छोटे साइज की वजह से पिग्मी मार्मोसेट का नाम गिनिस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे छोटे बंदर के नाम पर शामिल किया गया है।