Rare Sun Halo seen in Prayagraj: शुक्रवार (28th अप्रैल 2023) को सुबह करीब 11 बजे सूर्य की चारों ओर बना एक सर्किल लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार यह धरती से करीब 20 हजार फीट ऊपर पतले सिरस के बादल हैं। वह छोटे बर्फ के क्रिस्टल से बने होते हैं और इन्हें हम सन हॉलो के नाम से भी जानते हैं।
Sun Halo observed in #prayagraj pic.twitter.com/ilh3xtbOdm
— Pravesh (@pravesh_maun) April 28, 2023
रिपोर्ट के अनुसार घूरपुर मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक आकाश मिश्रा के अनुसार आइस क्रिस्टल पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के रिफ्लेक्शन की वजह से यह घेरा बना। वॉटर हॉलो उस समय दिखाई देता है, जब सूरज के पास बादल होते हैं। इसे रेनबो रिंग ऑफ सन भी कहा जाता है, जो बादल या पानी की बूंदों में बनने वाले हेक्सागोनल क्रिस्टल के कारण नजर आती है। गर्मी के दिनों में बनने वाला यह सन हॉलो एक सामान्य प्रक्रिया। इससे किसी प्रकार का प्रभाव नहीं होता। इससे पहले 19 अप्रैल को भी यह सन हेलो देखा जा चुका है।
एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसा नजारा दुर्लभ है, जो कभी-कभार ही नजर आता है। मगर यह किसी तरह की खगोलीय घटना का हिस्सा नहीं है। कहा यह भी जाता है कि जब सूरज के चारों तरफ ऐसी आकृति दिखे, तो बारिश होने की संभावना होती है। वहीं, इंद्रधनुष के रंगों वाले इस रिंग को देखकर हर कोई हैरान हैं और लोग तमाम तरह की चर्चाएं भी कर रहे हैं। क्योंकि, इससे पहले इस तरह का अद्भुत नजारा कभी देखने को नहीं मिला है।
क्या चांद के साथ भी ऐसा होता है?
चांद के साथ भी ऐसा होता है और इसे हालो ऑफ मून (halo of moon) कहा जाता है कुछ लोग इसे मून रिंग भी कहते हैं। 20 फरवरी 2016 को चांद के साथ ऐसा हुआ था। इत्तेफाक की बात ये है की उस दिन भी शुक्रवार ही था। उस समय भी लोगों ने इस दृश्य को देखकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी थीं।
वहीं 20 जुलाई 2015 को भी एक ऐसी ही घटना उत्तराखंड के कुछ इलाकों में देखने को मिली थी। हल्द्वानी, बेतालघाट के लोगों को 20 जुलाई की सुबह सूरज के चारों तरफ एक अद्भुत गोलाकार आकृति दिखाई दी जिसमें इंद्रधनुषी रंग दिखाई दे रहे थे।
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