हाल ही में टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया को खरीद कर सुनहरा इतिहास रच दिया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर टाटा ग्रुप के मालिक रतन टाटा की तस्वीर तेजी से वायरल होने लगी। आज से 68 साल पहले एयर इंडिया टाटा ग्रुप का हिस्सा था, लेकिन बाद में उसे बेच दिया गया था।
हालांकि सालों बाद एयर इमडिया को 18,000 करोड़ रुपए में खरीदने के बाद रतन टाटा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट कर लिखा- वेलकम बैक होम। इसके साथ ही उन्होंने साल 1932 में एयर इंडिया की शुरुआत करने वाले बिजनेसमैन जे.आर.डी. टाटा का एअर इंडिया के साथ एक फोटो और मेसेज भी शेयर किया है।
Welcome back, Air India 🛬🏠 pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021
रतन टाटा भारत के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक हैं, जो अपने सरल स्वभाव की वजह से हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। वह कभी अपने बीमार कर्मचारी से मुलाकात करने उनके घर जाते हैं, तो कभी उदार व्यक्तित्व की वजह से तारीफ बटौरते हैं।
लेकिन भारत के सफल बिजनेसमैन होने के बावजूद भी रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की, जिसे लेकर उनसे कई बार सोशल मीडिया पर सवाल भी पूछे गए हैं। ऐसा नहीं है कि रतन टाटा को अपनी लाइफ में कभी प्यार नहीं हुआ, लेकिन उनकी प्रेम कहानी अधूरी ही रह गई।
रतन टाटा का बचपन और संघर्ष
28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्म रतन टाटा का बचपन बहुत ही खुशहाल था, क्योंकि उन्होंने टाटा ग्रुप के मालिक जमशेदजी टाटा के घर जन्म लिया था। हालांकि माता पिता के तलाक के बाद 10 साल के रतन टाटा को कुछ समय के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हालातों के सामने हार नहीं मानी।
रतन टाटा जैसे जैसे बड़े होते गए उन्हें और उनके भाई को अपने माता पिता के तलाक की वजह से लोगों की बातें सुननी पड़ी। स्कूल में स्टूडेंट्स उनकी रैगिंग करते थे और उनके ऊपर पर्सनल टिप्पणी करते थे, जिसकी वजह से उनके लिए बाहर जाना और लोगों का सामना करना मुश्किल हो गया था।
जब रतन टाटा की मां ने दूसरी शादी की, तो लोगों ने उनकी मां को लेकर तरह तरह की बातें करना शुरू कर दिया। लेकिन इस दौरान रतन टाटा को उनकी दादी की तरफ से बहुत पर्सनल स्पोर्ट मिला, जिसकी वजह से उन्हें हर कीमत पर गरिमा बनाए रखने की सीख मिली।
विदेश में हुआ प्यार, शादी तक नहीं पहुंची बात
भारतीय बिजनेसमैन रतन टाटा अपने शुरुआती करियर के दौरान लॉस एंजिल्स में एक कंपनी के साथ काम करते थे। इस दौरान उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ था, लेकिन साल 1962 में हुए भारत चीन के युद्ध की वजह से उनकी शादी में रूकावट आ गई।
दरअसल युद्ध की वजह से रतन टाटा अस्थायी रूप से वापस भारत लौट आए थे, क्योंकि उन्हें अपनी दादी से मिले लगभग 7 साल का समय हो गया था। ऐसे में उन्होंने युद्ध के तनाव के बीच अपनी दादी से मुलाकात करने का फैसला किया, वह अपने साथ अपनी गर्लफ्रेंड को भी शादी करके भारत ले जाना चाहते थे।
रतन टाटा ने सोचा था कि वह जिस लड़की से प्यार करते हैं, वह भी उनके साथ भारत चलने की तैयार होगी। लेकिन भारत और चीन के युद्ध की वजह से स्थिति बहुत खराब थी और लड़की के माता पिता तनाव के हालातों में शादी करवाने के लिए राजी नहीं थे।
ऐसे में रतन टाटा का प्यार शादी तक नहीं पहुंच पाया, जिसके बाद उनका उस लड़की से रिश्ता हमेशा हमेशा के लिए टूट गया। इस घटना के बाद रतन टाटा वापस भारत लौट आए और दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भारत के सफल बिजनेसमैन बनने के बाद रतन टाटा के पास पैसे और शोहरत की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उन्होंने जीवन भर अविवाहित रहने का फैसला करके सबको चौंका दिया। उनका मानना है कि इंसान को उसका प्यार मिले या न मिले, उसे हमेशा अपने प्रेम के प्रति ईमानदार होना चाहिए।
पिता और बेटे में हमेशा रहा मतभेद
रतन टाटा और उनके पिता जमशेदजी टाटा के बीच हमेशा विचारों को लेकर मतभेद रहा, जो बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता चला गया। रतन टाटा वॉयलन सीखना चाहते थे, तो उनके पिता जी उन्हें पियानो सीखने के लिए कहते थे। इसी तरह रतन टाटा अमेरिका में पढ़ाई करना चाहते थे, तो उनके पिता उन्हें लंदन यूनिवर्सिटी में पढ़ाना चाहते थे।
इस तरह बचपन से ही पसंद और विचारों को लेकर जमशेदजी टाटा और रतन टाटा के बीच मतभेद होता रहा, हालांकि उन्होंने कभी भी एक दूसरे के ऊपर अपने विचार थोपने की कोशिश नहीं की। रतन टाटा अपने बेहतरीन व्यक्तित्व के लिए अपनी दादी को श्रेय देते हैं, जिन्होंने उन्हें जीवन की अमूल्य सीख दी थी।
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