मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त- कुत्ता सबसे प्यारा प्राणी तभी हो सकता है जब वह अच्छी तरह से प्रशिक्षित पालतू हो। आपने कई बार कुत्तों को गाड़ियों के पीछे जरूर भागते देखा होगा और हो सकता है ऐसा कभी आपके साथ भी हुआ हो। ऐसा हो नहीं सकता कि आपकी गाड़ी के पीछे कुत्तों ने दौड़ ना लगाई हो। ऐसे में अगर आप कार से है तो ठीक है लेकिन जब आप बाइक से होते है तो काफी डर जाते है और इससे बचने के लिए आपने भी कई बार गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी होगी। लेकिन मन में यह सवाल तो उठता ही होगा ना कि कुत्ते आखिर गाड़ियों के पीछे भागते क्यों हैं?
अगर कुत्ता किसी के गाड़ी के पीछे दौड़ता है या पीछा करता है इसका मतलब ये नहीं की उससे या उसकी कार से कुत्ते की कोई दुश्मनी है बल्कि आप इसे कुत्ते की फितरत कह सकते है।
अब आप शायद अपने किसी ऐसे अनुभव को याद कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि ‘कुत्ते वास्तव में चलती कार का पीछा और भौंकते क्यों हैं?
इसका उत्तर जानने के लिए, आइए नीचे इनमें से कुछ कारणों का पता लगाएं:
1. मनोरंजन के लिए शिकारी प्रवृत्ति
हम अक्सर यह महसूस करने में असफल होते हैं कि घरेलू जानवर चाहे कितने ही मनोरंजक और विनम्र हों, उनके पास एक विकासवादी रेखा हो सकती है जो वापस जंगल की ओर ले जाती है और ऐसा ही कुत्ता करता है। भेड़िये, लोमड़ी और गीदड़ों के परिवार से आने वाले इन दोस्ताना जानवरों में शिकार / शिकारी प्रवृत्ति होती है। वो असल में शिकारी जानवर होते हैं। इसलिए शिकारी गेम खेलना इनके लिए मनोरंजन होता है। यह हिंसा का एक तरीका नहीं है, बल्कि शिकार की तलाश और पीछा करने के लिए प्राकृतिक व्यवहार के कारण होने वाली भाप को बाहर निकालने का एक प्रयास है। इस हिंसक आक्रामक व्यवहार को चयनात्मक प्रजनन द्वारा बाधित किया जाता है, जिसके कारण कुछ नस्लों में चरित्र दब जाता है और कुछ जैसे हाउंड और रिट्रीवर में वे बढ़ जाते हैं।
कुत्तों को मनोरंजक लगने वाला खेल इस विशेष शिकार प्रवृत्ति की ओर जाता है और यह बिल्लियों, बच्चों, गिलहरी और अन्य कुत्तों का पीछा करने वाले कुत्तों के साथ सच साबित होता है। कभी-कभी बोरियत से आवारा कुत्ते किसी ऐसी चीज का पीछा करते हैं जो उससे दूर हो रही है और समय बिताने के लिए रोमांचक खेल खेलते है।
2. घुसपैठिए से सुरक्षा
कुत्तों में सूंघने की गहरी समझ होती है और वे घुसपैठिए को तुरंत पहचान लेते हैं। यही कारण है कि जब कोई ऐसी गाड़ी उस इलाके में दाखिल होती है, जिससे दूसरे कुत्ते के टॉयलेट की गंध आती है तो वह भौंकने लगता है। इलाके में दूसरे कुत्ते के घुसपैठ ना हो, इसलिए वह गाड़ी के पीछे भागने लगते हैं और उस गाड़ी को दूर भगाने पर तुल जाते हैं।
कुत्तों का अपना इलाका होता है। वे अक्सर अपने इलाके तय कर लेते हैं और इलाके की हर चीज की पहचान भी करते हैं। कुत्तों की सूंघने की क्षमता से हम सभी वाकिफ हैं। इसलिए वह हर चीज को गंध से ही पहचानते हैं। यही नहीं, कुत्ते अक्सर गाड़ियों के टायर पर टॉयलेट कर देते हैं। इसके पीछे का गणित भी यही है कि वह इससे अपने इलाके तय करते हैं और टॉयलेट के गंध से यह घोषित करते हैं कि यह उनके इलाके का है। यानी दूसरे इलाके वालों के लिए चेतावनी।
3. इस कारण भी लगाते हैं दौड़
कभी-कभी पीछा करने का शिकार की प्रवृत्ति से कोई लेना-देना नहीं होता है, लेकिन शिकायत के साथ सब कुछ करना होता है। जानवरों के मामले में सड़क दुर्घटनाएं अक्सर सामने आती हैं लेकिन ज्यादातर इंसानों द्वारा अनदेखी की जाती है लेकिन कुत्तों द्वारा नहीं, कुत्तों के परिजनों और पैरेंट्स की आंखों में ‘हादसा’ करने वाली गाड़ी की तस्वीर बस जाती है। जब भी कुत्ते उस रंग की या कोई भी कार को देखते हैं तो बदला लेने की नीयत से गाड़ी पर हमला कर देते हैं।
जानवरों के साम्राज्य में कुत्ते सबसे दयालु होते हैं, तेज रफ्तार वाहन पर आप जो भौंकते हुए देखते हैं, वह गलत का सामना करने का उसका तरीका हो सकता है।