किसी भी परिवार की सबसे बड़ी ताकत होती है प्यार और एकता, जिसके दम पर इंसान किसी भी बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना हंसते हुए कर सकता है। ऐसे में आज हम आपको बाप और बेटे की उस जोड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने खून के रिश्ता निभाकर बेहतरीन परिवार की मिसाल पेश की है।
दरअसल एक व्यक्ति का लिवर पूरी तरह से डैमेज हो गया था, ऐसे में उनके बेटे ने अपने लिवर का 65 प्रतिशत हिस्सा अपने पिता को डोनेट कर दिया। अगर बेटा समय पर अपने पिता को लिवर डोनेट नहीं करता, तो 6 महीनों के अंदर उनकी मौत हो सकती थी।
बेटे ने पेश की मिसाल
पिता और पुत्र की इस भावुक कहानी को ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे नाम इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया गया था, जिसमें युवक ने अपने पिता की लिवर सर्जरी का खुलासा करते हुए बताया कि उनके पिता का लिवर पूरा तरह से डैमेज हो चुका था। ऐसे में उनके पास महज 6 महीने का वक्त था, सबसे हैरानी भरी बात यह थी कि उस युवक के पिता ने जिंदगी भर शराब या सिगरेट का सेवन नहीं किया था।
ऐसे में उनका लिवर डैमेज हो जाना परिवार के लिए गहरे सदमे वाली बात साबित हुई, जबकि इलाक के दौरान युवक के पिता ने उसने कहा कि वह मरना नहीं चाहते हैं और अपने बेटे को ग्रेजुएट होते हुए देखना चाहते थे। लेकिन इससे पहले कि युवक कुछ कर पाता, वह कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कोविड का शिकार हो गया।
ऐसे में वह अपने पिता से दूर एक कमरे में बंद था और दिन भर रोता रहता था, क्योंकि वह जानता था कि इस मुश्किल वक्त में उसके पिता को उसकी जरूरत है। लेकिन कोविड की वजह से वह अपने पिता के पास नहीं जा पा रहा था, जिसकी वजह से वह काफी विवश हो गया।
कोरोना से लड़कर पिता को दिया लिवर
ऐसे में जैसे ही उस युवक ने कोरोना से जंग जीत ली, उसने फौरन अपने पिता को लिवर डोनेट करने का फैसला किया। इसके बाद डॉक्टर्स ने युवक के लिवर की जांच की और लिवर मैच हो जाने के बाद सर्जरी शुरू कर दी।
इस तरह एक बेटे ने अपने लिवर का 65 प्रतिशत हिस्सा डोनेट करके अपने पिता की जान बचा ली, जबकि इस पूरी सर्जरी में उनके 20 लाख रुपए खर्च हो गए। डॉक्टर्स ने जांच के बाद पिता और पुत्र को कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है, जबकि अपने खाने पीने का ध्यान रखने को कहा है।
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सर्जरी से दो दिन पहले हुआ था ग्रेजुएट
इस बेटे ने न सिर्फ अपने पिता को लिवर देकर उनकी जान बचाई, बल्कि सर्जरी की टेंशन के बीच ग्रेजुएशन के एग्जाम देकर पास होने में सफलता भी प्राप्त की थी। लिवर सर्जरी से महज दो दिन पहले युवक का रिजल्ट आया था और वह अच्छे अंकों के साथ ग्रेजुएट हो गया।
इस प्रकार एक बेटे ने अपने पिता की जान भी बचा ली और खुद ग्रेजुएट होकर उनका सपना भी पूरा कर लिया, जिसके बाद उनके पिता का कहना था कि वह दुनिया के सबसे सुखी और खुशनसीब पिता हैं। पिता और पुत्र की यह कहानी बहुत ही भावुक कर देने वाली है, जिसे पढ़कर हर कोई उनकी हिम्मत और प्यार की तारीफ कर रहा है।
परिवार से बढ़कर कुछ भी नही
यह शख्स बताते हैं कि इनके पिता और इन्होंने एक दूसरे के जख्म देखे और कहा कि “यह लड़ाई हम मिल कर जीत चुके हैं।” यह बताते हैं कि सर्जरी के बाद इनके ठीक होने का सफर बहुत ही अच्छा था। इन्होंने और इनके पिता ने साथ व्हीलचेयर पर साथ में ही चलना सीखा और इस दौरान खूब लूडो भी खेला। वर्तमान में यह शख्स एवं इनके पिता दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ हैं।
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