Civil Services Result 2020 : किसी ने सच कहा कि अगर इंसान पूरी मेहनत और लगन के साथ किसी काम को पूरा करने की ठान ले, तो उसे सफलता हासिल होकर रहती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार के बेटे शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने, जिन्होंने हाल ही में UPSC 2020 की परीक्षा में टॉप किया है।
सैकड़ों अभियार्थियों की तरह शुभम के लिए भी परीक्षा की तैयारी करना और उसमें टॉप रैंक हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दिन रात मेहनत करके कामयाबी हासिल की। आइए विस्तार से जानते हैं शुभम कुमार की UPSC तैयारी के बारे में-
शुभम कुमार, बिहार की शान
बिहार के कटिहार से ताल्लुक रखने वाले शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने UPSC 2020 की परीक्षा में सफल होकर अपने जैसे हजारों युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिसकी वजह से आज देश भर में उनकी चर्चा हो रही है।
आमतौर पर सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्र 18 से 20 घंटे पढ़ाई करते हैं, जिसकी वजह से वह ज्यादा प्रेशर महसूस करते हैं। लेकिन शुभम कुमार ने 24 घंटे सिर्फ 8 घंटे पढ़ाई की और परीक्षा में टॉप रैंक हासिल कर लिया।
UPSC की तैयारी
शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने साल 2018 में सिविल सर्विस की तैयार करना शुरू कर दिया था, जिसमें उनकी बड़ी बहन ने काफी ज्यादा मदद की थी। इसके साथ ही शुभम के परिवार ने भी उनका काफी साथ दिया, जिसकी वजह से उन्होंने पहली की कोशिश में परीक्षा पास कर ली।
पहली बार UPSC क्लियर करने पर शुभम कुमार को इंडियन डिफेंस अकाउंट में काम करने का मौका मिला, लेकिन वह ग्राउंड लेवल पर काम करना चाहते थे। इसलिए शुभम ने IAS ऑफिसर बनने का फैसला किया, ताकि वह आधिकारिक रूप से काम करें और जमीनी समस्याओं हल कर सकें।
शुभम कुमार ने यूपीएससी 2020 की परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली थी, बल्कि उन्होंने घर पर ही टाइम टेबल शेड्यूल कर लिया था। जिसके तहत वह दिन में 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे, हालांकि प्री क्लियर करने के बाद उन्होंने 8 से 10 घंटे पढ़ना शुरू कर दिया।
शुभम के माता-पिता बताते हैं कि वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे और हमेशा क्लास में टॉप करते थे, यही वजह है कि जब उन्होंने सिविल सर्विस ज्वाइन करने का फैसला लिया तो उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया।
बिहार के विकास के लिए करना चाहते हैं काम
अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने एक बार फिर सिविल सर्विस की तैयारी की शुरू कर दी, जिसके लिए वह दिन में 8 घंटे पढ़ाई करते थे और कम से कम प्रेशर लेकर अपने दिमाग को शांत रखते थे।
इस तरह शांति के साथ पढ़ाई करने के बाद शुभम को दूसरी बार भी परीक्षा में सफलता मिल गई और अब वह बिहार के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। शुभम चाहते हैं कि उन्हें बिहार कैडर दिया जाए, ताकि वह राज्य की समस्याओं को हल सकें और बिहार का विकास हो।
लेकिन अगर शुभम कुमार (Shubham Kumar) को बिहार कैडर नहीं मिलता है, तो वह मध्य प्रदेश में काम करना चाहते हैं। क्योंकि यह उनके मनपसंद राज्यों में से एक है और वहां कुछ इलाकों में विकास की जरूरत भी है।
टीचर के गलत फैसले ने बदल दी जिंदगी
शुभम कुमार (Shubham Kumar) को छठी कक्षा में ही बिहार में बच्चों को दी जा रही शिक्षा की जमीनी हकीकत पता चल गई थी, जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस के जरिए इस नीति को बदलने का फैसला कर लिया था।
दरअसल शुभम कटिहार के एक स्कूल में छठी कक्षा के छात्र थे, इस दौरान एक दिन उनके टीचर ने एक सवाल का जवाब देने को कहा। शुभम ने सही जवाब दिया था, लेकिन उनके टीचर ने जवाब को गलत बता दिया। इस बात से शुभम को बहुत दुख हुआ, क्योंकि वह जानते थे कि उनका जवाब सही था।
इसके बाद शुभम ने स्कूल समेत अपना घर भी बदल दिया और पटना शिफ्ट हो गए, जहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। फिलहाल शुभम इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में ट्रेनिंग ले रहे हैं।
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