Check Zero on Fuel Dispenser Machine while Filling Petrol: पेट्रोल भराने से पहले फ्यूल डिस्पेंसर मशीन पर ‘जीरो’ चेक करना जरुरी है। आमतौर पर हम पेट्रोल पंप पर यह काम करते हैं और करना ही चाहिए। लेकिन एक और जरूरी चीज़ देखने की हम जहमत नहीं उठाते। ‘जीरो’ नहीं देखने से पेट्रोल भरने वाला कुछ खेल कर जा सकता है और पेट्रोल की मात्रा कम मिल सकती है, लेकिन हम जिस चीज़ की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं, उसे नहीं करने पर गाड़ी ही खराब हो सकती है। हम डेंसिटी (Density) की बात कर रहे हैं, जिसका सीधा संबंध पेट्रोल/डीजल की शुद्धता से होता है। इसके मानक खुद सरकार ने तय किए हैं। इस शुद्धता का पैमाना क्या है और आप कैसे चेक कर सकते हैं, वह हम आपको बताते हैं।
डेंसिटी का मतलब हैं क्या?
डेंसिटी (Density) का मतलब होता है किसी पदार्थ या उत्पाद के गाढ़ेपन से। इसे आसान शब्दों में समझाने की कोशिश करें तो डेंसिटी उन पदार्थों या तत्वों की निश्चित मात्रा से तय होता है जो मिलाकर कोई उत्पाद बनाया जाता है। इन तत्वों की मौजूदगी के आधार पर उत्पाद की गुणवत्ता निर्धारित की जाती है। इसे इंजन ऑयल के उदाहरण से समझा जा सकता है। जब बेस ऑयल और ऐडिटिव्स को मिलाकर मोटर ऑयल बनाया जाता है, तो यह ऑयल चिपचिपा और पतला महसूस नहीं होना चाहिए।
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ज्यादा पतला या बहुत चिपचिपा होने का मतलब होता है कि उसमें बेस ऑयल और ऐडिटिव के अलावा अन्य सामग्री मिलाई गई है या निर्माण के दौरान उपयोग किए जाने वाले आवश्यक सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है।
पेट्रोल डेंसिटी (Density) की एक सीमा होती है। अगर उसमें किसी प्रकार की मिलावट हो जाती है या कर दी जाती है, तो उत्पाद में मौजूद तत्वों या पदार्थों के बीच की दूरी परिवर्तित हो जाती है। यही दूरी उत्पाद की क्वालिटी में कमी के लिए जिम्मेदार होती है। शायद आपने ध्यान दिया होगा कि कई बार इंजन ऑयल को उंगलियों में रगड़कर देखते हैं। अगर पर्याप्त चिकनाई होती है, तो वह ठीक है, नहीं तो उसे बदलने का समय आ गया है। डेंसिटी की जांच करने का यह तरीका शायद आपको प्राचीन लगे, लेकिन यह अत्यंत प्रभावी माना जाता है। लेकिन पेट्रोल के लिए आपको पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
क्या है पेट्रोल और डीजल की लिमिट
हर पदार्थ की एक निश्चित डेंसिटी (Density) होती है, और यह ईंधन के लिए भी सच है। सरकार ने इसके मानक तय किए हैं। पेट्रोल की शुद्धता की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (kg/m3) होती है, जबकि डीजल की शुद्धता की डेंसिटी 830 से 900 kg/m3 के बीच होती है।
आपके मन में सवाल आ सकता है कि ये आंकड़े क्यों फिक्स नहीं हैं। यह तापमान में बदलाव के कारण होता है। इसलिए, इसकी एक रेंज तय की गई है। किसी भी पेट्रोल पंप पर, अगर रेंज बताए गए आंकड़ों से बाहर या अंदर होती है, तो इसमें मिलावट होने की संभावना होती है। वास्तविकता में मिलावट क्या हुई है, यह चेक करने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन आमतौर पर पेट्रोल में सॉल्वेंट मिलाकर इस तरह की गतिविधि की जाती है। खराब पेट्रोल मतलब सीधा आपको नुकसान पहुंचाएगा। गाड़ी कितनी खराब होगी, यह खराब पेट्रोल पर निर्भर करेगी। हालांकि, आप खुद इसे जांच सकते हैं।
आप सही कह रहे हैं। पेट्रोल भरने वाली मशीन पर डिस्प्ले पर यह डिटेल दिखाई जाती है। आप आसानी से पेट्रोल की डेंसिटी (Density) को वहाँ देख सकते हैं और अपने वाहन में डालने से पहले यह जांच सकते हैं। यह एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका है अपने ईंधन की गुणवत्ता की जांच करने का।
पेट्रोल की रसीद पर भी यह जानकारी उपलब्ध होती है। आप डेंसिटी (Density) की जांच करवाने के लिए रास्ते पर उपलब्ध पेट्रोल पंप में जार से सहायता ले सकते हैं। वे आपको इस मामले में मदद करेंगे।
बिल के आधार पर भी डेंसिटी (Density) की जांच की जा सकती है। यदि बिल पर डेंसिटी में कमी दिख रही है, तो इसका मतलब है कि पेट्रोल में मिलावट हो सकती है। इस बिल पर डेंसिटी काफी गिरी हुई दिख रही है।
- डेंसिटी (Density) चेक करने के लिए आपको पेट्रोल पंप पर 500 मिलीलीटर का जार, हाईड्रोमीटर, थर्मोमीटर, और ASTM (अमेरिकन सोसायटी फॉर टेस्टिंग ऑफ मटेरियल्स) कन्वर्जन चार्ज की जरूरत होगी। हाईड्रोमीटर एक अच्छा उपकरण है जो किसी भी तरल पदार्थ की डेंसिटी की जांच के लिए उपयोगी होता है।
- ये सभी आइटम पेट्रोल पंप पर उपलब्ध होते हैं। डेंसिटी जार में पेट्रोल का घनत्व विभिन्न तापमानों पर मापा जाता है।
- कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अनुसार, हर ग्राहक को पेट्रोल की शुद्धता मापने का अधिकार है।
इंडियन ऑइल ने इस प्रोसेस के वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया हुआ है।
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