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आखिर स्विमिंग पूल के पानी में घुसते ही क्यों लग जाता है टॉयलेट? जान लें असली वजह

Why do We Feel Urine in Swimming Pool: दुनिया में ऐसी कई चीजें होती हैं जिनका हम अनुभव तो करते हैं, लेकिन उनकी वजह नहीं जानते होते हैं। ये चीजें काफी सामान्य होती हैं, लेकिन इसके पीछे का लॉजिक ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता। लोग इन वजहों को जानने की प्रयास भी नहीं करते। एक ऐसी ही स्थिति होती है जब कोई स्विमिंग पूल में जाता है। चाहे वह स्विमिंग पूल हो या नदी-तालाब, जब भी कोई पानी में जाता है, उसे अक्सर टॉयलेट का अनुभव होता है। यह सामान्य होने के बावजूद, इसकी वजह कोई नहीं जानता।

स्विमिंग पूल के अंदर जाने पर लोगों को अक्सर पेशाब लग जाता है। इसी कारण से लोगों से पूल में जाने से पहले बाथरूम यूज करने की अनुरोध किया जाता है। हालांकि, अक्सर लोग इस बात को उठाने से बचते हैं और पानी में ही पेशाब कर देते हैं। इस तरह के लोगों को रोकने के लिए पूल वाले एक विशेष इंतजाम करते हैं। वे पानी में एक खास केमिकल मिलाते हैं, जिससे जैसे ही कोई पेशाब करता है, पानी का रंग बदल जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि वास्तव में इंसान को पूल के अंदर टॉयलेट लग जाता है, इसकी वजह क्या है?

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इस वजह से कर देते हैं लोग पूल में पेशाब

एक अध्ययन के अनुसार, जब आप काफी समय तक पानी में रहते हैं, तो आपके शरीर के सभी अंगों में खून की रफ़्तार तेज हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसके साथ ही, किडनी की गतिविधि भी तेज हो जाती है और वह शरीर में मौजूद तरल पदार्थों को तेजी से बाहर निकालने की कोशिश में जुट जाती है। यही कारण है कि स्विमिंग पूल या पानी के किसी भी स्रोत में लोगों को पेशाब (Urination in Swimming Pool) करने की इच्छा तेज हो जाती है। इस स्थिति को वैज्ञानिक भाषा में “इमर्शन डायुरेसिस (Immersion Diuresis)” कहा जाता है।

पानी का प्रेशर नहीं झेल पाता है शरीर

वैज्ञानिकों के अनुसार, किसी भी जीव पानी के अंदर जितनी गहराई में जाता है, उतनी ही Immersion Diuresis की स्थिति बढ़ती है। इसका मतलब है कि पानी में डूबने से बॉडी के अंदर और बाहर पानी (Urination in Swimming Pool) की मात्रा बढ़ती है, जिससे शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इसके परिणामस्वरूप, किडनी शरीर को माहौल के हिसाब से एडजस्ट करने के लिए बॉडी के अंदर मौजूद पानी को फ़िल्टर करके बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज कर देती है। यही कारण है कि पानी में घुसने के बाद तेज पेशाब की इच्छा होती है। यही स्थिति ठंडे पानी में नहाने के दौरान भी आती है।

जान बूझकर नहीं करते है लोग ऐसी हरकतें

जैसा कि आपने कहा कि स्विमिंग पूल में काफी मात्रा में यूरिन घुला होता है और यह यूरिन उसमें तैराकी करने वाले लोग ही करते हैं। यह बात आमतौर पर स्वीकार नहीं की जाती है। एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया कि लगभग 1 लाख 10 हजार गैलन वाले स्विमिंग पूल में करीब 8 गैलन यूरिन घुला होता है। यह जानबूझकर नहीं किया जाता है, बल्कि यह सत्य है कि स्विमिंग पूल में कुछ समय बिताने के बाद लोगों के ब्लैडर पर इतना दबाव बढ़ने लगता है कि वे अपने पेशाब को नियंत्रित नहीं कर पाते और उसे पूल में ही छोड़ देते हैं।
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Abhishek Kumar Verma
Abhishek Kumar Vermahttps://www.rochakgyan.co.in/
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