गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले के जमुआ थाना क्षेत्र के हरला गांव से एक ऐसा दृश्य सामने आया है, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। एक पुत्र पुलिस कस्टडी में हाथों में हथकड़ी लगाए अपने घर पहुंचा और अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम तक ले गया। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन बना रहा।
कोर्ट ने दिया सिर्फ 3 घंटे का पैरोल
दरअसल, मोती साहा पिछले तीन महीने से साइबर अपराध के एक मामले में गिरिडीह जेल में बंद है। शुक्रवार की दोपहर उसकी मां का पटना के एक अस्पताल में ब्लड कैंसर से जूझते हुए निधन हो गया। इसके बाद, मोती के परिजनों ने गिरिडीह न्यायालय से उसकी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल देने का अनुरोध किया। कोर्ट ने यह आग्रह स्वीकार करते हुए मोती साहा को शनिवार को 3 घंटे की पैरोल दी।
पुलिस कस्टडी में पहुंचा घर
इसके बाद वह गिरिडीह पुलिस की कस्टडी में पुलिस की गाड़ी से अपने घर पहुंचा। इस दौरान उसके एक हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी, जबकि हथकड़ी का दूसरा छोर एक पुलिसकर्मी ने पकड़ा हुआ था। इसी स्थिति में पुलिस कस्टडी में आरोपी घर से मुक्तिधाम तक पहुंचा और अपनी मां के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद पुलिस उसे वापस हिरासत में लेकर गिरिडीह जेल चली गई।
मां के पार्थिव शरीर को देखकर बेहोश हो गया मोती
इस दुःखद घटना में जब मोती साहा हथकड़ी के साथ घर पहुंचा, तो उसके पिता, भाई और पड़ोसी सभी रो पड़े। मां के शव को देखकर मोती भी बेहोश हो गया था। होश में आने के बाद उसने अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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