Zero Rupee Note: आपने आज तक 10, 20, 50, 100, 500 और 2,000 के नोट देखे होंगे, जिनका इस्तेमाल लेनदेन और खरीददारी आदि के लिए किया जाता है। ऐसे में इन नोटों की वजह से भारत में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या भी पैर पसरा रही है, जिसकी वजह से साल 2016 में नोटबंदी भी की गई थी।
हालांकि इन सब के बावजूद भी हर वर्ग के लोग भ्रष्टाचार में किसी न किसी तरह लिप्त जरूर रहते हैं, जिनके लिए इन्हीं नोटों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी 0 रुपए के नोट के बारे में सुना है, जिसे भारत में 1 दशक तक जारी रखा गया था।
क्यों जारी किया गया था 0 रुपए का नोट?
यह तो हम सभी जानते हैं कि भारतीय बाजारों में मौजूद सभी तरह के नोटों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानि आरबीआई (RBI) द्वारा छापा जाता है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब बाजार में 0 रुपए का नोट (Zero Rupee Note) खूब चर्चा का विषय बना हुआ था।
इस नोट को आरबीआई (RBI) द्वारा नहीं छापा गया था, बल्कि इस 0 रुपए के नोट (Zero Rupee Note) की छपाई साल 2007 में तमिलनाडु के एक NGO 5 th Pillar द्वारा की गई थी। यह NGO भ्रष्टाचार और घूसखोरी के खिलाफ आंदोलन चलाना चाहता था, लिहाजा उसने 0 रुपए का नोट छापने का फैसला किया।
इस 0 रुपए के नोट को हिंदी समेत तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम जैसी भाषाओं में छापा गया था, ताकि अगर कोई सरकारी या प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाला अधिकारी आम लोगों से रिश्वत मांगे तो उसे 0 रुपए का नोट थमा दिया जाए।
उस 0 रुपए के नोट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर छपी हुई थी, जबकि इसके ऊपर भ्रष्टाचार खत्म करो, अगर कोई रिश्वत मांगे तो उसे ये नोट दें और मामले को हमें बताएं और ना लेने की ना देने की कसम खाते हैं जैसी पंच लाइन लिखी हुई थी। इसके अलावा 0 रुपए के नोट के दाई तरफ NGO का नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी प्रिंट किया गया था।
पूरे देश में बांटे गए थे 0 रुपए नोट
5 TH Pillar संस्थान ने सिर्फ 0 रुपए का नोट (Zero Rupee Note) ही नहीं छापा था, बल्कि इसे देश के अलग अलग राज्यों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उठाई थी। इसके तहत राज्य के अलग अलग रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और बाजारों में NGO के स्वयंसेवकों ने 0 रुपए के नोट बांटे थे और लोगों को रिश्वत न लेने और न देने के लिए प्रोत्साहित किया था।
इसके अलावा इस संस्थान ने शादी समारोह, जन्मदिन की पार्टी, मंदिर के आयोजन और सामाजिक समारोह में भी लोगों के बीच रिश्वतखोरी के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया था, जिसके तहत हर जगह 0 रुपए का नोट बांटा जाता था। इसके अलावा शहर में 0 रुपए के नोट से जुड़े पर्चे भी बंटवाए जाते थे।
क्या है 5 TH Pillar?
हमारे लोकतांत्रिक देश को अच्छी तरह से चलाए रखने के लिए 4 स्तंभों की आवश्यकता होती है, जिसमें चौथा स्तंभ मीडिया को माना जाता है। हालांकि इन चार स्तंभों के होने के बावजूद भी देश में भ्रष्टाचार चरम पर हो रहा है, जिसकी वजह से 5 TH Pillar नामक गैर सरकारी संगठन की नींव रखी गई थी।
यह संगठन समाज की भलाई के लिए काम करता है, जिसका सबसे बड़ा उद्देश्य देश से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को पूरी तरह से खत्म करना है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए 5 th Pillar द्वारा साल 2007 में 0 रुपए का नोट (Zero Rupee Note) छापा गया था, जिसे देश के विभिन्न राज्यों में सप्लाई भी किया गया था।
इसके अलावा यह एनजीओ देशभक्ति और बेहतर नागरिक बनने के क्षेत्र में काम करता है, जिसके तहत लोगों को यातायात नियमों का पालन, शिक्षा का महत्व और पर्यावरण को अनुकूल बनाए रखने जैसी चीजों को लेकर जागरूक किया जाता है। यह संगठन स्कूल से लेकर कॉलेज तक हर जगह जागरूकता अभियान चलाता है और देश की प्रगति के लिए दिन रात काम करता है।
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